शुभ्रजीत का रिजल्ट देख छलक पड़े परिजन के आँसू, माँ नहीं दे सकी अपने बेटे को तोहफा

कोलकाता : शुभ्रजीत ने अपनी माँ से वादा किया था कि वह उच्च माध्यमिक परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास होगा। उसने अपनी माँ से अच्छे नंबर लाने के बाद मोबाइल फोन देने की भी फरमाइश की थी लेकिन किस्मत ऐसा खेल खेलेगी, इस बारे में न तो शुभ्रजीत और न ही उसके परिजनों ने सोचा था। बंगाल के उत्तर 24 परगना स्थित इच्छापुर इलाके के रहने वाले शुभ्रजीत की कोरोना से मौत हो गयी थी। इसी साल उसने 12वीं की परीक्षा दी थी और अपने परिजनों से अच्छे नंबर लाने का वादा किया था। उसने अपना वादा तो निभाया लेकिन इसकी खुशियाँ मनाने के पहले ही शुभ्राजीत इस दुनिया को अलविदा कह गया।

उल्लेखनीय है कि गत 10 जुलाई को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुभ्रजीत की मौत हुई थी। उसके माता-पिता ने चिकित्सा में लापरवाही को उनकी बेटे की मौत का कारण बताया था। शुभ्रजीत के परिजनों नेे इस मामले को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद अदालत ने उसके शव के पोस्टमार्टम का आदेश दिया था। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया था और 16 जुलाई को उसका अंतिम संस्कार हुआ। इसके बाद 17 जुलाई को उसका उच्च माध्यमिक का रिजल्ट आया। पता चला कि शुभ्रजीत ने अपने परिजनों को दिया वादा निभाते हुए उच्च माध्यमिक में 75 फीसदी अंक हासिल किये।

शुभ्रजीत का रिजल्ट देख उसके परिजन अपने आँसू रोक नहीं पाये। उसके परिजनों का कहना है कि शुभ्रजीत ने तो अपना वादा निभा लिया लेकिन हम उसकी इच्छा पूरी नहीं कर पाये। उसने अच्छे रिजल्ट के बाद मोबाइल फोन एवं पूरे परिवार के साथ बिरयानी खाने की इच्छा जाहिर की थी, जो अब कभी भी पूरी नहीं हो सकती। यहाँ बता दें कि शुभ्रजीत के माता-पिता ने आरोप लगाया था कि कोरोना के संदेह के कारण उसे पहले तो किसी अस्पताल में भर्ती नहीं लिया गया था। उसके परिजन बस अस्पताल का चक्कर लगाते रहे और उसकी स्थिति बिगड़ती चली गयी। किसी तरह उसे मेडिकल कॉलज अस्पताल में भर्ती तो कराया गया लेकिन उसकी जान नहीं बचायी जा सकी। इस घटना ने राज्य की चिकित्सा व्यवस्था पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here