जब तुम्हारे बच्चे आपस में लड़ते हैं एक दूजे से रगड़ते और झगड़ते हैं तो तुम्हें दुख होता है तुम्हारा मन अंदर से रोता है तुम्हारी भावनाएं होती हैं आहत और परिवार लगने लगता है एक आफत आज तो आपस में लड़ रहे हैं कल तुम्हारा सिर फोड़ेंगे तुम्हारे बारे में अनाप-शनाप बोलेंगे कहेंगे-पैदा किया है तो दो भोजन तब तुम्हें याद आयेगा परिवार नियोजन। – डॉ.एस.आनंद