बालों के झड़ने के इलाज में ‘मेड इन इंडिया’ क्यूआर678 थेरेपी प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा (पीआरपी) थेरेपी से 300 प्रतिशत ज्यादा प्रभावशाली : अध्ययन

डॉ. देबराज शोम

कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजी के प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में हुआ खुलासा

मुंबई : पुरुषों और महिलाओं के बालों की रिग्रोथ थेरेपी के लिए एक पेटेंट उपचार, क्यूआर678 ने सिद्ध कर दिया है कि बालों के झडऩे के इलाज में यह पीआरपी से ज्यादा प्रभावशाली है। यह अध्ययन एक प्रतिष्ठित अमेरिकी जर्नल,  जर्नल ऑफ कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित किया गया। इस अध्ययन से सामने आया है कि प्लेटलेट रिच प्लाज्मा (पीआरपी) थेरेपी की तुलना में, क्यूआर678 ने न सिर्फ बालों की पुनार्वृत्ति में सुधार दर्शाया है बल्कि बालों के झडऩे में भी सौ फीसदी कमी दिखाई है।

क्यूआर678 का आविष्कार भारत के सेलिब्रिटी कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. देबराज शोम और डॉ. रिंकी कपूर ने किया था। उन्होंने पाया कि पुरुष पैटर्न गंजापन जो कि एंड्रोजेनिक एलोपेसिया के रूप में जाना जाता है, 30-50 वर्ष की आयु वर्ग वाले पुरुषों में 58 फीसदी की दर से बढ़ रहा है, जिसने उन्हें शोध करने और इस कॉस्मेटिक उत्पाद का समाधान, क्यूआर678 आविष्कार खोजने के लिए प्रेरित किया।  यह थेरेपी बालों के झडऩे पर अंकुश लगाती है और मोटाई, मौजूदा बालों के रोम की संख्या और घनत्व को बढ़ाती है, जो एलोपेसिया से पीडि़त लोगों को अधिक से अधिक कवरेज प्रदान करती है। फॉम्र्यूलेशन के लिए पेटेंट संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत में मिले हैं।

डॉ. देबराज शोम, कॉस्मेटिक सर्जन और निदेशक, एस्थेटिक क्लीनिक, ने कहा, ‘‘वर्तमान में उपलब्ध हेयर-रिग्रोथ उपचार की कई सीमाएँ हैं; वे एक निश्चित अवस्था से परे बालों को पुनर्जीवित नहीं कर सकते। क्यूआर678 एक ऐसी प्रक्रिया है जहां बालों के रोम में वृद्धि कारक इंजेक्ट किए जाते हैं, जो न केवल बालों के झडऩे को रोकते हैं  बल्कि बालों का विकास भी करते है। बालों के पुनर्जीवन  के उपचार में क्ूयआर 678 एक गैर-शल्य चिकित्सा, दर्द रहित और गैर-आक्रामक प्रक्रिया है जिसने 10,000 से अधिक रोगियों में बहुत अच्छे परिणाम दिखाए हैं।’’

एस्थेटिक क्लीनिक में प्रैक्टिस कर रहे डॉ. शोम कहते हैं, ‘‘ बालों के झडऩे से पीडि़त रोगियों के साथ दैनिक आधार पर उपचार करते हुए एक कॉस्मैटिक सर्जन के रूप में मेरा अनुभव कहता है कि इस इजलाज से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, खासकर भारत जैसे देश में। भारत में क्यूआर678 की सफलता दर 90 फीसदी है और यह 6-8 सत्रों में सबसे कम उपचार समय में किसी भी हेयर फॉल उपचार द्वारा प्राप्त की गई सफलता की उच्चतम दर है। ’’

प्रश्न में दो उपचारों की तुलना करते हुए, डॉ. शोम के साथी और भारत के प्रमुख त्वचा विशेषज्ञों में से एक डॉ. रिंकी कपूर कहती हैं, ‘‘ पीआरपी का उपयोग सभी त्वचा विशेषज्ञ और प्लास्टिक सर्जन बालों के विकास के लिए करते हैं। पीआरपी में मानव रक्त से प्लेटलेट्स निकालने और खोपड़ी में इंजेक्शन लगाने से बाल बढऩे लगते हैं। लेकिन, इस मामले की सच्चाई यह है कि यह चिकित्सा वास्तविक में वैज्ञानिक होने की तुलना में उम्मीद पर आधारित है। कभी भी एक नियंत्रित परीक्षण नहीं दिखा है कि पीआरपी वास्तव में बाल विकास का कारण बनता है। यही कारण है कि हमने क्यूआर678 और पीआरपी उपचारों के बीच तुलनात्मक परीक्षण किया और कोई आश्चर्य नहीं कि क्यूआर678 उपचार ने पीआरपी की तुलना में लगभग 300 फीसदी बेहतर परिणाम दिए। ’’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here